शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख नदी है। यह नदी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के गोडरी गांव से निकलती है और लगभग 470 किलोमीटर की यात्रा तय करके छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में महानदी में मिल जाती है।
शिवनाथ नदी के उद्गम के बारे में एक लोककथा प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार एक आदिवासी लड़का शिवनाथ नाम का भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था। एक दिन, एक किसान ने शिवनाथ को देखा और उसे अपनी बेटी से शादी करने के लिए कहा। शिवनाथ ने किसान के घर जाकर उसकी सेवा की और तीन साल के बाद, किसान ने शिवनाथ और उसकी बेटी का विवाह कर दिया।
शिवनाथ और उसकी पत्नी पारू बहुत खुश थे। वे शिवनाथ नदी के किनारे एक छोटे से गांव में रहते थे। एक दिन, एक जमींदार ने पारू को देखा और उससे शादी करना चाहा। जमींदार बहुत शक्तिशाली था, इसलिए उसने शिवनाथ को धमकी दी कि अगर उसने पारू से शादी नहीं की, तो वह उसे मार डालेगा।
शिवनाथ ने जमींदार का विरोध किया और कहा कि वह पारू से कभी भी शादी नहीं करेगा। जमींदार ने शिवनाथ को मारने के लिए अपने सैनिकों को भेज दिया। शिवनाथ ने जमींदार के सैनिकों से लड़ाई की, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा।
जमींदार ने शिवनाथ को मार डालने का आदेश दिया। शिवनाथ ने अपनी मृत्यु से पहले भगवान शिव से प्रार्थना की कि वह उसकी आत्मा को एक नदी में बदल दें। भगवान शिव ने उनकी प्रार्थना सुनी और शिवनाथ की आत्मा को शिवनाथ नदी में बदल दिया।
शिवनाथ नदी आज भी छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी सिंचाई, कृषि, और परिवहन के लिए महत्वपूर्ण है। शिवनाथ नदी के किनारे कई ऐतिहासिक स्थल भी स्थित हैं, जो राज्य की संस्कृति को दर्शाते हैं।
शिवनाथ नदी के महत्व
शिवनाथ नदी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था, संस्कृति, और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है। इस नदी से सिंचाई के लिए पानी मिलता है, जिससे कृषि होती है। शिवनाथ नदी के किनारे कई ऐतिहासिक स्थल भी स्थित हैं, जो राज्य की संस्कृति को दर्शाते हैं। शिवनाथ नदी में मछली पकड़ाई भी की जाती है, जो लोगों के लिए एक आय का स्रोत है। शिवनाथ नदी राज्य की प्राकृतिक सुंदरता में भी योगदान देती है।
शिवनाथ नदी की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- यह नदी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के गोडरी गांव से निकलती है।
- यह नदी लगभग 470 किलोमीटर की यात्रा तय करके छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में महानदी में मिल जाती है।
- शिवनाथ नदी की प्रमुख सहायक नदियों में लीलागर, मनियारी, आगर, हांप, खारून, अरपा, आमनेर, सकरी, खरखरा, तांदुला तथा जमुनिया नदी आदि हैं।
- शिवनाथ नदी के किनारे कई ऐतिहासिक स्थल स्थित हैं, जिनमें शिवरीनारायण मंदिर, रायपुर किला, और हसदेव जलप्रपात आदि शामिल हैं।
शिवनाथ नदी का प्रदूषण
हाल के वर्षों में, शिवनाथ नदी का प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है। औद्योगिक और कृषि अपशिष्टों के कारण इस नदी का पानी दूषित हो रहा है। इससे नदियों में रहने वाले जीवों को खतरा है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नदियों के प्रदूषण को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन कदमों से नदियों के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।