बस्तर में जब सब्जियों की बात होती है तो पहले जंगलों की सब्जियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ जंगलों में बहुत से ऐसे पौधे हैं जिन्हे सब्जियों के रूप में अपने आहार में लिया जाता है। इन पौधों में से एक है बास्ता। यह बांस का अंकुरित पौधा होता है जिसे यहाँ के लोग बड़े ही चाव से सब्जी बनाकर खाते हैं। इसे करील नाम से भी बोला जाता है।बांस के ये नए पौधे (बास्ता) जो की सफेद रंग के होते हैं ये हर साल जून से अगस्त के महीनों के बीच में आते हैं ।बांस करील बांस की ताजा कोपलों को कहते हैं यानी जमीन से ताजा उगा बांस, जो कोमल होता है। आदिवासी गोंडी बोली में इसे बास्ता कहते हैं।
दुनिया भर में पाई जाने वाली बांस की सभी प्रजातियों में से केवल 110 प्रजातियों के बांस के कोंपल ही खाने योग्य होते हैं। इनमें औषधीय गुण भी पाए जाते है, जो बहुत से बिमारियों से बचाते है। बास्ता( बांस के अंकुर) में विटामिन जैसे विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन बी 6, थियामिन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस, प्रोटीन,अमीनो एसिड,मैंगनीज ,तांबे ,कार्बोहाइड्रेट और कई महत्वपूर्ण खनिज पाये जाते हैं। इसमें वसा की मात्रा बहुत ही कम होती है। यह मुख्य रूप से एशियाई देशों में खाये जाते हैं और यह इस क्षेत्र के कई पारंपरिक व्यंजनों का अभिन्न अंग हैं।
120 ग्राम बास्ता में 14 कैलोरी, 0.26 ग्राम वसा, 1.84 ग्राम प्रोटीन और 1.2 ग्राम आहार फाइबर होता है। इसमें फेनोलिक एसिड(Phenolic Acids) होता है जो एक एंटीऑक्सीडेंट(Antioxidant) है।
बास्ता में सायनोजेनिक ग्लुकोसाईठ, टैक्सीफाईलीन एवं बेंजोईक अम्ल पाया जाता है। जो स्वास्थ्य के लिये काफी फायदेमंद माना जाता है।यह कफ निःसारक, उत्तेजक, तृषाशामक होता है। कृमिनाशक एवं ऐंटी रेबीज होने के कारण ग्रामीण इसका उपयोग खाने में करते है। बास्ता का उपयोग अचार बनाने के लिये भी किया जाता है। औषधियों गुणों के कारण बडे पैमाने में इसकी तस्करी होती है।
बास्ता खाने के 8 फायेदे
- वजन कम करने
- हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने
- मानसून और सर्दियों की शुरुआत में वायरल और बैक्टीरिया के संक्रमण से दूर करने।
- बांस के अर्क का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में के साथ किया जाता है।
- बास्ता पेट की बीमारियों का इलाज करने में मदद करती है।
- अल्सर जैसी स्थितियों से राहत दिलाने में मदद करता है।
- कैंसर विरोधी गुणों के लिए जाना जाता है ।
- रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को विनियमित करता है।
बास्ता की सब्ज़ी कैसे बनायें
बांस करील की सब्जी बनाने की विधि:
सबसे पहले बांस करील को लेकर उसे छोटे टुकड़ो में काट लेंगे और फिर उसके बाद पानी में थोड़ा सा दही डाल कर उसे भिगोकर रात भर के लिए रख देंगे। इससे इसकी महक चली जाएगी। फिर इसे 2 से 4 बार अच्छे से धो लेंगे। फिर इसे कुटनी में अच्छे से मोटा कूट लेंगे। कूटने के बाद एक जाली की सहायता से इससे इसका सारा पानी निकाल दीजिये। जिससे बांस करील की महक नहीं आएगी। अब इसे एक बड़े बर्तन में रख देंगे। उसके बाद एक कढ़ाई में तेल गरम कर लेंगे फिर एक छोटा चम्मच जीरा डाल देंगे। फिर बांस करील को डाल कर 10 मिनट तक अच्छे से भूनेंगे।
उसके बाद गैस की आंच धीमी कर लेंगे और 5 मिनट तक उसे ढक कर पाकायेगे। उसके बाद उसे कुछ देर तक अच्छे से भूनते हुए चलएंगे ताकि ये अच्छे से भुन् जाये,फिर मसाला के लिए एक मिक्सी में 1 छोटा चम्मच जरा,अदरक, 10 लहसुन की कली , हरी मिर्ची और पानी डाल कर पतला पीस लेंगे। फिर बांस करील को चलाएंगे उसके बाद बांस करील में सारा मसाला डाल देंगे, इसी समय इसमें हल्दी और पीसी धनिया भी डाल देंगे। उसके बाद अच्छे रंग के लिए रोगनि लाल मिर्च डालेंगे। फिर मसाले को अच्छे से चलाते हुए 5 मिनट के लिए भूनेंगे। जब मसाला भून जाए तो उसमे नमक दाल देंगे। गैस की आंच धीमी कर देंगे। इसे 10 मिनट के लिए पकने के लिए ढक कर छोड़ देंगे। आपकी बांस करील की सब्जी बन कर तैयार हो गई है। इसे खाने के साथ सर्व करे।