Close Menu

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    विनोद कुमार शुक्ल: हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष, छत्तीसगढ़ का गौरव

    March 23, 2025

    मधेश्वर पहाड़: प्रकृति का अद्भुत शिवलिंग, आस्था और रोमांच का संगम

    February 8, 2025

    राजिम कुंभ कल्प: छत्तीसगढ़ का ‘प्रयाग’, आस्था और संस्कृति का महासंगम

    February 8, 2025
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Hamar GothHamar Goth
    • होम
    • कहानियाँ
    • पर्यटन
    • संस्कृति
    • इतिहास
    • खान-पान
    • बस्तर
    Hamar GothHamar Goth
    Home»बस्तर»बस्तर का गौर माड़िया नृत्य: आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
    बस्तर

    बस्तर का गौर माड़िया नृत्य: आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत

    हमर गोठBy हमर गोठDecember 10, 20233 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Telegram Tumblr Email
    gour madiya nirtya
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email

    छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति अपनी विविधता और समृद्धि के लिए जानी जाती है। यहां के आदिवासी समुदाय अपनी अनूठी परंपराओं, कला और संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक नृत्य है गौर माड़िया नृत्य, जो छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में रहने वाले माड़िया आदिवासियों द्वारा किया जाता है।

    इतिहास:

    गौर माड़िया नृत्य का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि यह नृत्य हजारों सालों से माड़िया आदिवासियों द्वारा किया जा रहा है। यह नृत्य माड़िया आदिवासियों के जीवन और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

    महत्व:

    गौर माड़िया नृत्य माड़िया आदिवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजन है। यह नृत्य माड़िया आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नृत्य माड़िया आदिवासियों के समुदाय की एकता और सद्भाव को भी दर्शाता है।

    विशेषताएं:

    गौर माड़िया नृत्य एक समूह नृत्य है, जिसमें पुरुष और महिला दोनों भाग लेते हैं। इस नृत्य में नर्तक अपनी परंपरागत वेशभूषा पहनते हैं। पुरुष नर्तक अपने सिर पर गौर के सींगों का मुकुट पहनते हैं और अपने शरीर पर काली मिट्टी लगाते हैं। महिला नर्तक अपने सिर पर लाल रंग का दुपट्टा पहनती हैं और अपने शरीर पर रंगीन बिंदी लगाती हैं।

    गौर माड़िया नृत्य एक तीव्र गति वाला नृत्य है। इस नृत्य में नर्तक अपनी टांगों को तेजी से हिलाते हैं और अपने हाथों को ऊपर-नीचे करते हैं। नृत्य की ताल पर नर्तक तालियां भी बजाते हैं।

    गौर माड़िया नृत्य की कई शैलियां हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध शैली “गौर नृत्य” है। गौर नृत्य में नर्तक एक दूसरे का हाथ पकड़कर एक सर्कल बनाते हैं और उस सर्कल में घूमते हुए नृत्य करते हैं।

    प्रदर्शन:

    गौर माड़िया नृत्य का प्रदर्शन आमतौर पर त्योहारों और समारोहों के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य का प्रदर्शन आमतौर पर खुले स्थान में किया जाता है। नृत्य की शुरुआत एक पुजारी के मंत्रोच्चारण से होती है। इसके बाद नर्तक नृत्य की शुरुआत करते हैं।

    गौर मुकुट:

    गौर माड़िया नृत्य का सबसे आकर्षक हिस्सा है गौर के सींगों का मुकुट। यह मुकुट तैयार करना एक श्रम और समय लेने वाला कार्य है। गौर के सींग दुर्लभ होते हैं, इसलिए कई बार जंगली भैंसों के सींग से काम चलाया जाता है।

    गौर के चिकने काले सुनहरे सींगों को बांस की टोपी में दोनो और बांध दिया जाता है। ऊपर की ओर भृंगराज पंछी के पंखों की कलगी तैयार कर बांध दी जाती है। मुख के सामने बिलकुल दूल्हे के सेहरे की तरह कौड़ियों की लड़ियां लगा दी जाती है जिससे नर्तक का चेहरा ढक जाता है।

    निष्कर्ष:

    गौर माड़िया नृत्य छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति का एक अनमोल नृत्य है। यह नृत्य हमें माड़िया आदिवासियों के जीवन और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है। हमें इस नृत्य को संरक्षित करने और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए।

    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Email

    Related Posts

    धुड़मारास: एक कहानी, एक एहसास, एक सफर

    January 30, 2025

    प्रतिष्ठित पद्मश्री से सम्मानित छत्तीसगढ़ के कलाकार पंडीराम मंडावी

    January 27, 2025

    बस्तर दशहरा का काछनगादी अनुष्ठान: देवी काछन की पूजा और सांस्कृतिक धरोहर

    October 5, 2024

    कोलियारी भाजी: बस्तर, छत्तीसगढ़ का स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन

    May 16, 2024

    बारसूर: इंद्रावती के तट पर हिंदू सभ्यता का खोया हुआ नगर

    January 14, 2024

    भगवान गणेश की प्रतिमा: राजबेड़ा में सौ साल पहले पहिए टूटे और स्थापना

    January 13, 2024
    Demo
    Top Posts

    वीर नारायण सिंह जिनके शौर्य से अंग्रेज भी ख़ौफ खाते थे

    June 30, 2023346 Views

    शिवनाथ नदी: छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा

    January 12, 2024126 Views

    छत्तीसगढ़ में कल्चुरियों का शासन

    June 28, 2023120 Views
    Don't Miss

    विनोद कुमार शुक्ल: हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष, छत्तीसगढ़ का गौरव

    March 23, 2025

    विनोद कुमार शुक्ल, समकालीन हिंदी साहित्य के एक महान हस्ताक्षर, को हाल ही में 59वें…

    मधेश्वर पहाड़: प्रकृति का अद्भुत शिवलिंग, आस्था और रोमांच का संगम

    February 8, 2025

    राजिम कुंभ कल्प: छत्तीसगढ़ का ‘प्रयाग’, आस्था और संस्कृति का महासंगम

    February 8, 2025

    खुटाघाट बांध: प्रकृति और इंजीनियरिंग का अद्भुत संगम

    February 8, 2025
    Stay In Touch
    • Facebook
    • WhatsApp
    • Twitter
    • Instagram
    Latest Reviews
    Demo
    //

    We influence 20 million users and is the number one business and technology news network on the planet

    Most Popular

    वीर नारायण सिंह जिनके शौर्य से अंग्रेज भी ख़ौफ खाते थे

    June 30, 2023346 Views

    शिवनाथ नदी: छत्तीसगढ़ की जीवनरेखा

    January 12, 2024126 Views

    छत्तीसगढ़ में कल्चुरियों का शासन

    June 28, 2023120 Views
    Our Picks

    विनोद कुमार शुक्ल: हिंदी साहित्य के शिखर पुरुष, छत्तीसगढ़ का गौरव

    March 23, 2025

    मधेश्वर पहाड़: प्रकृति का अद्भुत शिवलिंग, आस्था और रोमांच का संगम

    February 8, 2025

    राजिम कुंभ कल्प: छत्तीसगढ़ का ‘प्रयाग’, आस्था और संस्कृति का महासंगम

    February 8, 2025

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.