छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के ग्राम पंचायत भितघरा के रहने वाले जागेश्वर यादव एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने जीवन को बिरहोर आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। बचपन से ही बिरहोर आदिवासियों की दुर्दशा देखकर उन्होंने ठान लिया था कि वह उनके जीवन को बेहतर बनाएंगे।
जागेश्वर यादव ने बिरहोर आदिवासियों के बीच रहना शुरू किया और उनकी भाषा और संस्कृति को सीखा। उन्होंने उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक किया और उन्हें स्कूलों में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके प्रयासों से बिरहोर आदिवासियों के बच्चों की स्कूल में उपस्थिति में काफी सुधार हुआ है।इसका परिणाम स्वरूप, 2021 में एक बिरहोर लड़की ने पहले स्थान प्राप्त किया था। यह उपलब्धि देखकर, तत्कालीन कलेक्टर महादेव कावरे ने उस लड़की को सम्मानित किया था। यादव को उनके कार्य के लिए पद्मश्री पुरस्कार से पहले ही शहीद वीर नारायण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
जागेश्वर यादव ने बिरहोर आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए भी काम किया है। उन्होंने उनके बीच स्वास्थ्य शिविर लगाए और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी। उनके प्रयासों से बिरहोर आदिवासियों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
जागेश्वर यादव के प्रयासों से बिरहोर आदिवासियों के जीवन में काफी सुधार हुआ है। उनके काम को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्मश्री पुरस्कार भी शामिल है।
जागेश्वर यादव के जीवन से कुछ प्रेरणादायी बातें:
- सपने देखना और उनका पीछा करना जरूरी है। जागेश्वर यादव ने बिरहोर आदिवासियों के लिए काम करने का सपना देखा और उसे पूरा करने के लिए लगातार प्रयास किए।
- संघर्ष से नहीं डरना चाहिए। जागेश्वर यादव के जीवन में कई बार मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
- दूसरों की मदद करना जरूरी है। जागेश्वर यादव ने बिरहोर आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
जागेश्वर यादव एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने जीवन से दूसरों को प्रेरित किया है। उनके काम से हमें यह सीख मिलती है कि हम सभी कुछ भी कर सकते हैं, बशर्ते हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें और दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहें।