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Author: हमर गोठ
हाल ही में हुए महिला कबड्डी विश्व कप 2025 में भारतीय टीम की शानदार जीत के साथ, छत्तीसगढ़ की संजू देवी का नाम देश भर में छा गया है। कोरबा जिले के एक छोटे से गाँव से निकलकर संजू देवी ने न केवल भारत को लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ (Most Valuable Player) का प्रतिष्ठित खिताब भी अपने नाम किया। 🏆 विश्व कप में यादगार प्रदर्शन संजू देवी एक रेडर (Raider) के तौर पर टीम की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरीं। उनकी तेज़ गति,…
हाल ही में महिला क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत के बाद, टीम के पर्दे के पीछे की एक महत्वपूर्ण सदस्य आकांक्षा सत्यवंशी सुर्खियों में हैं। छत्तीसगढ़ की इस बेटी ने टीम की फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में खिलाड़ियों की फिटनेस, मानसिक दृढ़ता और ऊर्जा संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। 💪 जीत में महत्वपूर्ण योगदान आकांक्षा सत्यवंशी का योगदान किसी खिलाड़ी से कम नहीं है। एक फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में, उनका काम खिलाड़ियों को चोटों से बचाना, उनकी रिकवरी सुनिश्चित…
छत्तीसगढ़ की गोदना परंपरा (Godna Tradition) केवल शारीरिक सजावट का माध्यम नहीं है, बल्कि यह यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान और गहरी आस्था का प्रतीक है। इसे छत्तीसगढ़ के लोकजीवन में एक अमर शृंगार माना जाता है, जो मृत्यु के बाद भी व्यक्ति के साथ जाता है। गोदना: इतिहास और महत्व गोदना शब्द का शाब्दिक अर्थ है “चुभाना” या “छेदना”। इस कला में, त्वचा पर सुई चुभोकर उसमें प्राकृतिक रंगों (जैसे- काजल, तेल या वनस्पति के रस) से बने लेप को भरा जाता है। यह एक प्रकार का स्थायी टैटू है, जिसे सदियों से आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की महिलाएं…
बस्तर का अंचल अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और त्यौहारों के लिए जाना जाता है। यहाँ के त्यौहार प्रकृति और कृषि से गहरे जुड़े हुए हैं, जो यहाँ के लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या) के साथ ही बस्तर में कृषि-चक्र का आरंभ होता है और इसी के साथ शुरू होता है त्यौहारों का सिलसिला, जिन्हें यहाँ जगार उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जगार: एक महायज्ञ जगार का शाब्दिक अर्थ है “जग” यानी “यज्ञ”। यह एक ऐसा महायज्ञ है जिसके माध्यम से यहाँ के लोग अपने देवी-देवताओं का आह्वान करते हैं। जगार एक अनुष्ठान…
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित होने वाला “चक्रधर समारोह” एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव है, जो कला, संगीत और साहित्य के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। यह समारोह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि संगीत सम्राट महाराजा चक्रधर सिंह की कला-साधना और उनके योगदान को श्रद्धांजलि है। इतिहास और ऐतिहासिक महत्व चक्रधर समारोह का अपना एक गहरा ऐतिहासिक महत्व भी है। आजादी से पहले, रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत थी, जो अपनी सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध थी। इसी रियासत से प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिंदी के पहले छायावादी कवि मधुकर…
छत्तीसगढ़ के मैनपाट, जिसे अक्सर “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहा जाता है, में एक ऐसी जगह है जो लोगों को अपनी ओर खींचती है। इस जगह का नाम है “उल्टा पानी”। यह कोई साधारण जलधारा नहीं, बल्कि एक ऐसा प्राकृतिक रहस्य है जो गुरुत्वाकर्षण के नियमों को चुनौती देता हुआ प्रतीत होता है। क्या है उल्टा पानी का रहस्य? मैनपाट की यह जगह एक ढलान वाली सड़क है, जहां पर पानी और गाड़ियाँ अपने आप ऊपर की ओर जाते हुए महसूस होती हैं। जब आप अपनी गाड़ी को न्यूट्रल गियर में ढलान पर खड़ा करते हैं, तो वह खुद-ब-खुद ऊपर की…
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित मैनपाट, जिसे “छत्तीसगढ़ का शिमला” भी कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और ठंडे मौसम के लिए प्रसिद्ध है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन के प्रमुख आकर्षणों में से एक है “मछली प्वाइंट”। यह एक ऐसा स्थल है जो अपनी शांति, हरी-भरी वादियों और एक मनमोहक जलप्रपात के लिए जाना जाता है। मछली प्वाइंट का सौंदर्य मछली प्वाइंट मैनपाट के अन्य झरनों की तरह ही शानदार है, लेकिन इसकी अपनी एक अलग पहचान है। यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच स्थित है और “मछली नदी” पर बनता है। यहां पानी लगभग 80 मीटर की ऊंचाई…
छत्तीसगढ़ की धरती अपने आप में कई रहस्य और प्राकृतिक चमत्कारों को समेटे हुए है, और इन्हीं में से एक है अंबिकापुर के पास स्थित ‘ठिनठिनी पत्थर’। यह एक ऐसा अनोखा पत्थर है, जो अपनी विलक्षणता के कारण पर्यटकों और शोधकर्ताओं को समान रूप से आकर्षित करता है। अंबिकापुर शहर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर, दरिमा हवाई अड्डे के पास, यह पत्थर प्रकृति के एक अविश्वसनीय करिश्मे के रूप में खड़ा है। ठिनठिनी पत्थर की विशेषता इस पत्थर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब इसे किसी ठोस चीज से ठोकते हैं, तो इसमें से धातु जैसी…
छत्तीसगढ़, भारत का हृदय स्थल, न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है, बल्कि यह प्राचीन मंदिरों और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का भी घर है। भगवान शिव के कई प्राचीन और पूजनीय मंदिर इस राज्य में स्थित हैं, जो भक्तों और इतिहासकारों दोनों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ये मंदिर वास्तुकला, इतिहास और धार्मिक महत्व का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं। आइए, छत्तीसगढ़ के कुछ महत्वपूर्ण शिव मंदिरों पर एक नज़र डालते हैं। प्रसिद्ध शिव मंदिर 1. भोरमदेव मंदिर (कबीरधाम जिला): छत्तीसगढ़ का खजुराहो छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में मैकाल पर्वत श्रृंखला की सुरम्य…
हाल ही में, छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले की युवा जुडोका रंजीता कोरेटी ने ताइपे, ताइवान में आयोजित एशियाई कैडेट जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके जिले, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। प्रारंभिक जीवन और जुडो की शुरुआत: रंजीता कोरेटी का जन्म छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले में हुआ था। वह छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित कोण्डागांव बालिका गृह की निवासी हैं। उनकी खेल के प्रति गहरी रुचि को देखते हुए, उन्हें इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की मदद से विशेष जूडो प्रशिक्षण प्रदान किया…
