छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित डोंगरगढ़ अपने आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम होने के साथ-साथ, डोंगरगढ़ अपनी मनोरम दृश्यों और ऐतिहासिक किले के लिए भी प्रसिद्ध है।
माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम:
डोंगरगढ़ माँ बम्लेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसे शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में माँ बम्लेश्वरी की एक विशाल स्वर्ण प्रतिमा विराजमान है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे मंदिर परिसर को भक्तिमय माहौल से सराबोर कर देता है।
प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद:
डोंगरगढ़ हरे-भरे जंगलों और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। यहां स्थित माईकल पर्वत से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। हनुमान धारा और सीता सागर जैसे जलप्रपात भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ऐतिहासिक किले का गौरव:
डोंगरगढ़ में स्थित 12वीं शताब्दी का राजगढ़ किला अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह किला गोंड राजाओं का निवास स्थान था और कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। किले से पूरे शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
आने का सबसे अच्छा समय:
डोंगरगढ़ की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इस दौरान मौसम सुहावना रहता है और दर्शन, प्रकृति का आनंद और ट्रेकिंग का लुत्फ उठाया जा सकता है।
आवास और भोजन:
डोंगरगढ़ में पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए कई होटल और लॉज हैं। इसके अलावा, धर्मशालाओं में भी ठहरने की व्यवस्था उपलब्ध है। यहां स्थानीय छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद लेने के लिए कई रेस्तरां भी हैं।
यात्रा के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
- मंदिर में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल उतार दें।
- मंदिर में शांति बनाए रखें और धार्मिक स्थलों का सम्मान करें।
- पर्यावरण को साफ रखें और कूड़ा-करकट न डालें।
तो अगर आप एक आध्यात्मिक यात्रा पर जाना चाहते हैं, प्रकृति की गोद में शांति का अनुभव करना चाहते हैं या इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं, तो डोंगरगढ़ आपके लिए एक आदर्श गंतव्य है। आज ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं और इस आध्यात्मिक गढ़ और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर शहर के आकर्षण का अनुभव करें!