छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित कोसमनारा गांव, श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा के धाम के लिए जाना जाता है। यह धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के बीच अत्यंत प्रसिद्ध है और भगवान विष्णु के अवतार श्री सत्यनारायण बाबा की पूजा के लिए समर्पित है।
श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा, जिन्हें भक्त प्यार से “बाबाजी” के नाम से जानते हैं, एक प्रसिद्ध भारतीय संत और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका जन्म 12 जुलाई 1984 को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के देवरी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था।
बाबा सत्यनारायण 1998 से ही तपस्या में लीन हैं। 2003 में उन्हें 108 की उपाधि मिली थी। तब से बाबा धाम की प्रसिद्धि बढ़ी और श्रद्धालुओं की संख्या में भी वृद्धि हुई। बाबा जी ने बंजर जमीन पर पत्थरों से शिवलिंग का निर्माण कर अपनी जीभ काटकर समर्पित कर दी थी। उस समय से वे लगातार तपस्या में लीन हैं।
आध्यात्मिक यात्रा:
बाबाजी ने 16 फरवरी 1998 को मात्र 13 वर्ष की आयु में कठोर तपस्या शुरू की। वे खुले आसमान के नीचे बैठकर, बिना किसी आश्रय के और बिना भोजन ग्रहण किए, ध्यान करने लगे। वे सभी मौसमों में, चाहे वह चिलचिलाती गर्मी हो, बारिश हो या कड़ाके की ठंड, उसी स्थान पर बैठे रहे। वे यहां तक कि सोते भी नहीं थे!
उनकी शिक्षाएं:
बाबाजी की शिक्षाएं सरल और व्यावहारिक हैं। वे लोगों को सत्य, प्रेम और करुणा के मार्ग पर चलने का आह्वान करते हैं। उनका मानना है कि भक्ति और आत्म-साक्षात्कार ही जीवन का सच्चा उद्देश्य है।
उनका प्रभाव:
बाबाजी के लाखों अनुयायी हैं, जो भारत और दुनिया भर में फैले हुए हैं। वे अपने चमत्कारों और लोगों को ठीक करने की शक्ति के लिए जाने जाते हैं।
उनका आश्रम:
बाबाजी का आश्रम, श्री सत्यनारायण बाबा धाम, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित है। यह आश्रम भक्तों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है।
निष्कर्ष:
श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने जीवन को दूसरों की सेवा में समर्पित कर दिया है। उनकी शिक्षाएं हमें जीवन में सच्चा आनंद और शांति प्राप्त करने का मार्ग दिखाती हैं।