Author: हमर गोठ

बिलासपुर (छत्तीसगढ़): प्रकृति प्रेमियों और छत्तीसगढ़ के वासियों के लिए 12 दिसंबर 2025 का दिन गौरव का नया सूरज लेकर आया। बिलासपुर जिले का कोपरा जलाशय (Kopra Reservoir) अब केवल एक सिंचाई बांध नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि यानी ‘रामसर साइट’ बन गया है। ईरान के रामसर कन्वेंशन से मिली इस वैश्विक मान्यता ने छत्तीसगढ़ को दुनिया के उन चुनिंदा नक्शों पर ला खड़ा किया है, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित हैं। सात समंदर पार से आते मेहमानों का ‘घर’ बिलासपुर शहर से महज 15 किलोमीटर दूर तखतपुर ब्लॉक के साकरी गांव के पास स्थित यह जलाशय अपनी…

Read More

छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिले की प्रतिभाशाली बालिका योगिता मंडावी ने जूडो खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश और देश का नाम गौरवान्वित किया है। छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा संचालित बालिका गृह, कोण्डागांव में पली-बढ़ी योगिता को उनकी उल्लेखनीय खेल उपलब्धियों के लिए प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा योगिता मंडावी को यह राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। समारोह में देशभर से चयनित प्रतिभाशाली बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों जैसे खेल, नवाचार, सामाजिक सेवा, कला एवं संस्कृति आदि में…

Read More

छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी छोर पर स्थित कोरिया रियासत, जो कभी गोंडवाना साम्राज्य का हिस्सा रही और बाद में चौहान वंश के शासकों के अधीन आई, अपनी एक विशिष्ट पहचान रखती है। इस रियासत की प्रशासनिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र ‘रामानुज विलास’ (कोरिया पैलेस) है। बैकुंठपुर के महलपारा (पूर्व नाम राजापारा) में स्थित यह महल भारत के उन गिने-चुने राजमहलों में से एक है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलन 20वीं सदी के पूर्वार्ध में ही देख लिया गया था। 1. निर्माण की पृष्ठभूमि: एक महत्वाकांक्षी विजन (1923-1946) इस महल का निर्माण महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव के कार्यकाल के…

Read More

हाल ही में हुए महिला कबड्डी विश्व कप 2025 में भारतीय टीम की शानदार जीत के साथ, छत्तीसगढ़ की संजू देवी का नाम देश भर में छा गया है। कोरबा जिले के एक छोटे से गाँव से निकलकर संजू देवी ने न केवल भारत को लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई, बल्कि अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ (Most Valuable Player) का प्रतिष्ठित खिताब भी अपने नाम किया। 🏆 विश्व कप में यादगार प्रदर्शन संजू देवी एक रेडर (Raider) के तौर पर टीम की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरीं। उनकी तेज़ गति,…

Read More

हाल ही में महिला क्रिकेट विश्व कप में भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत के बाद, टीम के पर्दे के पीछे की एक महत्वपूर्ण सदस्य आकांक्षा सत्यवंशी सुर्खियों में हैं। छत्तीसगढ़ की इस बेटी ने टीम की फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में खिलाड़ियों की फिटनेस, मानसिक दृढ़ता और ऊर्जा संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। 💪 जीत में महत्वपूर्ण योगदान आकांक्षा सत्यवंशी का योगदान किसी खिलाड़ी से कम नहीं है। एक फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में, उनका काम खिलाड़ियों को चोटों से बचाना, उनकी रिकवरी सुनिश्चित…

Read More

छत्तीसगढ़ की गोदना परंपरा (Godna Tradition) केवल शारीरिक सजावट का माध्यम नहीं है, बल्कि यह यहाँ की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान और गहरी आस्था का प्रतीक है। इसे छत्तीसगढ़ के लोकजीवन में एक अमर शृंगार माना जाता है, जो मृत्यु के बाद भी व्यक्ति के साथ जाता है। गोदना: इतिहास और महत्व गोदना शब्द का शाब्दिक अर्थ है “चुभाना” या “छेदना”। इस कला में, त्वचा पर सुई चुभोकर उसमें प्राकृतिक रंगों (जैसे- काजल, तेल या वनस्पति के रस) से बने लेप को भरा जाता है। यह एक प्रकार का स्थायी टैटू है, जिसे सदियों से आदिवासी और ग्रामीण समुदायों की महिलाएं…

Read More

बस्तर का अंचल अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और त्यौहारों के लिए जाना जाता है। यहाँ के त्यौहार प्रकृति और कृषि से गहरे जुड़े हुए हैं, जो यहाँ के लोगों के जीवन का अभिन्न अंग हैं। हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या) के साथ ही बस्तर में कृषि-चक्र का आरंभ होता है और इसी के साथ शुरू होता है त्यौहारों का सिलसिला, जिन्हें यहाँ जगार उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जगार: एक महायज्ञ जगार का शाब्दिक अर्थ है “जग” यानी “यज्ञ”। यह एक ऐसा महायज्ञ है जिसके माध्यम से यहाँ के लोग अपने देवी-देवताओं का आह्वान करते हैं। जगार एक अनुष्ठान…

Read More

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित होने वाला “चक्रधर समारोह” एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव है, जो कला, संगीत और साहित्य के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। यह समारोह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि संगीत सम्राट महाराजा चक्रधर सिंह की कला-साधना और उनके योगदान को श्रद्धांजलि है। इतिहास और ऐतिहासिक महत्व चक्रधर समारोह का अपना एक गहरा ऐतिहासिक महत्व भी है। आजादी से पहले, रायगढ़ एक स्वतंत्र रियासत थी, जो अपनी सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध थी। इसी रियासत से प्रसिद्ध संगीतज्ञ कुमार गंधर्व और हिंदी के पहले छायावादी कवि मधुकर…

Read More

छत्तीसगढ़ के मैनपाट, जिसे अक्सर “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहा जाता है, में एक ऐसी जगह है जो लोगों को अपनी ओर खींचती है। इस जगह का नाम है “उल्टा पानी”। यह कोई साधारण जलधारा नहीं, बल्कि एक ऐसा प्राकृतिक रहस्य है जो गुरुत्वाकर्षण के नियमों को चुनौती देता हुआ प्रतीत होता है। क्या है उल्टा पानी का रहस्य? मैनपाट की यह जगह एक ढलान वाली सड़क है, जहां पर पानी और गाड़ियाँ अपने आप ऊपर की ओर जाते हुए महसूस होती हैं। जब आप अपनी गाड़ी को न्यूट्रल गियर में ढलान पर खड़ा करते हैं, तो वह खुद-ब-खुद ऊपर की…

Read More

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित मैनपाट, जिसे “छत्तीसगढ़ का शिमला” भी कहा जाता है, अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और ठंडे मौसम के लिए प्रसिद्ध है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन के प्रमुख आकर्षणों में से एक है “मछली प्वाइंट”। यह एक ऐसा स्थल है जो अपनी शांति, हरी-भरी वादियों और एक मनमोहक जलप्रपात के लिए जाना जाता है। मछली प्वाइंट का सौंदर्य मछली प्वाइंट मैनपाट के अन्य झरनों की तरह ही शानदार है, लेकिन इसकी अपनी एक अलग पहचान है। यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच स्थित है और “मछली नदी” पर बनता है। यहां पानी लगभग 80 मीटर की ऊंचाई…

Read More