Author: हमर गोठ

छत्तीसगढ़ का इतिहास प्राचीन काल से ही समृद्ध और विविध रहा है। इस समृद्ध इतिहास में सातवाहन राजवंश का शासनकाल एक महत्वपूर्ण अध्याय है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 ईसा पूर्व से 300 ईसा पूर्व तक शासन करने वाले सातवाहनों ने कला, वास्तुकला, व्यापार और संस्कृति को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। सातवाहन साम्राज्य का विस्तार: सातवाहन साम्राज्य मध्य भारत में एक प्रमुख शक्ति थी, जिसका विस्तार महाराष्ट्र से लेकर आंध्र प्रदेश तक था। छत्तीसगढ़ के बस्तर, रायपुर, धमतरी और राजनांदगांव जैसे क्षेत्र भी सातवाहन साम्राज्य के अंतर्गत आते थे। प्रमुख शासक: सातवाहन राजवंश में कई महान शासकों…

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छत्तीसगढ़ के सबसे प्राचीन शहरों में से एक, मल्हार अपने ऐतिहासिक महत्व, मंत्रमुग्ध करने वाली मूर्तियों और अविस्मरणीय वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा बनाए गए “प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और राष्ट्रीय महत्व के अवशेष” की सूची में भी शामिल है। प्राचीन इतिहास की गवाही: मल्हार का इतिहास 7वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व तक का है। यह शहर शक्तिशाली सोमवंशी राजवंश की राजधानी थी, जिसने छत्तीसगढ़ पर लगभग 500 वर्षों तक शासन किया। मल्हार में कई मंदिर, किले और अन्य संरचनाएं हैं, जो उस समय की वास्तुकला और कला कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। मंत्रमुग्ध…

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छत्तीसगढ़, कई महान पुरुषों और संतों की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध, निश्चित रूप से एक तीर्थयात्रियों का स्वर्ग है। इनमें से एक सतनामी संप्रदाय के प्रवर्तक, परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास हैं। रायपुर जिले के गिरौदपुरी से ताल्लुक रखने वाले गुरु घासीदास ने कई भारतीयों, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के लोगों को सतनाम का उपदेश दिया। गिरौदपुरी धाम का इतिहास: गिरौदपुरी धाम गुरु घासीदास के जीवन और कार्य का केंद्र बिंदु रहा है। यहीं पर उन्होंने सतनाम के संदेश का प्रचार किया और एक समतामूलक समाज बनाने का प्रयास किया। उन्होंने जाति व्यवस्था के कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी…

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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित डोंगरगढ़ अपने आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम होने के साथ-साथ, डोंगरगढ़ अपनी मनोरम दृश्यों और ऐतिहासिक किले के लिए भी प्रसिद्ध है। माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम: डोंगरगढ़ माँ बम्लेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसे शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में माँ बम्लेश्वरी की एक विशाल स्वर्ण प्रतिमा विराजमान है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे मंदिर…

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छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित चंपारण्य, धर्म, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का एक अनूठा संगम है। यह गांव अपने धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और प्राकृतिक आकर्षण के कारण पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। धर्म और आध्यात्म: चंपारण्य को जगद्गुरु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। 15वीं शताब्दी के महान संत और पुष्टिमार्ग के संस्थापक, वल्लभाचार्य का जन्म इसी गांव में हुआ था। उनके सम्मान में यहां एक भव्य मंदिर बनाया गया है, जिसे ‘प्रकट्य बैठक’ के नाम से जाना जाता है। मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है और भक्तों का तांता लगा रहता है।…

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छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित भोरमदेव मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। 11वीं शताब्दी में निर्मित, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। वास्तुकला का अद्भुत नमूना: भोरमदेव मंदिर नागर शैली में बनाया गया है, जो उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की एक विशेष शैली है। मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है, और इसकी नक्काशी और मूर्तियां अत्यंत सुंदर हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके शिखर है, जो तीन मंजिलों वाला एक विशाल संरचना है। शिखर के अंदर एक गर्भगृह है,…

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छत्तीसगढ़ के शानदार सतपुड़ा पर्वतमाला में बसा अचानकमार टाइगर रिजर्व, प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत जैव विविधता का एक अनमोल रत्न है। 553 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला यह रिजर्व, अपने विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ, हर प्रकृति प्रेमी के लिए एक स्वर्ग है। वन्यजीवों का अनोखा संगम: अचानकमार टाइगर रिजर्व, बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 40 बाघों का आवास है, जो घने जंगलों में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। इसके अलावा, तेंदुए, भेड़ियों, हाथियों, जंगली सुअर, हिरणों की विभिन्न प्रजातियां, बायसन, गौर, और लंगूर जैसे कई अन्य वन्यजीव भी…

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सीरपुर, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित एक आकर्षक शहर है। यह प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति, जीवंत बाजारों, और स्वादिष्ट व्यंजनों का एक अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है। सीरपुर शहर में आपको एक अविस्मरणीय और शानदार अनुभव मिलेगा। इतिहास की झलक: सीरपुर का इतिहास 10वीं शताब्दी तक पीछे चला जाता है। इस समय में, यह जैन धर्म का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा। इस अवधि के दौरान, यहां कई जैन मंदिरों का निर्माण हुआ, जो आज भी अपनी शानदार वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में से, पार्श्वनाथ मंदिर देश के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिरों…

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छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह अभयारण्य अपनी समृद्ध वन्यजीव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, खरगोश, जंगली सूअर, और कई अन्य प्रकार के जानवर पाए जाते हैं। अभयारण्य में पक्षियों की भी विविधता है। यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ दुर्लभ भी हैं। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल 245 वर्ग किलोमीटर है। यह अभयारण्य 1976 में स्थापित किया गया था। अभयारण्य में कई जलाशय और झरने भी हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध जलाशय रानी डैम है। यह…

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सरगुजा जिले की गोद में बसा, मैनपाट एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से अपनी जगह बना रहा है। समुद्र तल से 1,085 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, इस हिल स्टेशन को ‘छोटा शिमला’ भी कहा जाता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, अनोखी घटनाओं, धार्मिक महत्व, सांस्कृतिक अनुभव और रोमांचक गतिविधियों के अनूठे मिश्रण के साथ, मैनपाट हर तरह के यात्री को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव: मैनपाट को प्रकृति की अद्भुत रचनाओं का खजाना कहा जा सकता है। घने जंगलों, लुभावने झरनों, मनोरम घाटियों और पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य मैनपाट की सुंदरता…

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