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Author: हमर गोठ
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में स्थित डोंगरगढ़ अपने आध्यात्मिक महत्व, प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के कारण पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम होने के साथ-साथ, डोंगरगढ़ अपनी मनोरम दृश्यों और ऐतिहासिक किले के लिए भी प्रसिद्ध है। माँ बम्लेश्वरी का पवित्र धाम: डोंगरगढ़ माँ बम्लेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसे शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में माँ बम्लेश्वरी की एक विशाल स्वर्ण प्रतिमा विराजमान है, जो भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है और पूरे मंदिर…
छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित चंपारण्य, धर्म, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता का एक अनूठा संगम है। यह गांव अपने धार्मिक महत्व, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और प्राकृतिक आकर्षण के कारण पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य है। धर्म और आध्यात्म: चंपारण्य को जगद्गुरु वल्लभाचार्य की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। 15वीं शताब्दी के महान संत और पुष्टिमार्ग के संस्थापक, वल्लभाचार्य का जन्म इसी गांव में हुआ था। उनके सम्मान में यहां एक भव्य मंदिर बनाया गया है, जिसे ‘प्रकट्य बैठक’ के नाम से जाना जाता है। मंदिर में प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है और भक्तों का तांता लगा रहता है।…
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित भोरमदेव मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और प्राचीन इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। 11वीं शताब्दी में निर्मित, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और छत्तीसगढ़ के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। वास्तुकला का अद्भुत नमूना: भोरमदेव मंदिर नागर शैली में बनाया गया है, जो उत्तर भारतीय मंदिर वास्तुकला की एक विशेष शैली है। मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया गया है, और इसकी नक्काशी और मूर्तियां अत्यंत सुंदर हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके शिखर है, जो तीन मंजिलों वाला एक विशाल संरचना है। शिखर के अंदर एक गर्भगृह है,…
छत्तीसगढ़ के शानदार सतपुड़ा पर्वतमाला में बसा अचानकमार टाइगर रिजर्व, प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत जैव विविधता का एक अनमोल रत्न है। 553 वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला यह रिजर्व, अपने विविध वनस्पतियों और जीवों के साथ, हर प्रकृति प्रेमी के लिए एक स्वर्ग है। वन्यजीवों का अनोखा संगम: अचानकमार टाइगर रिजर्व, बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण आवास है। यहां लगभग 40 बाघों का आवास है, जो घने जंगलों में स्वतंत्र रूप से विचरण करते हैं। इसके अलावा, तेंदुए, भेड़ियों, हाथियों, जंगली सुअर, हिरणों की विभिन्न प्रजातियां, बायसन, गौर, और लंगूर जैसे कई अन्य वन्यजीव भी…
सीरपुर, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित एक आकर्षक शहर है। यह प्राचीन इतिहास, समृद्ध संस्कृति, जीवंत बाजारों, और स्वादिष्ट व्यंजनों का एक अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करता है। सीरपुर शहर में आपको एक अविस्मरणीय और शानदार अनुभव मिलेगा। इतिहास की झलक: सीरपुर का इतिहास 10वीं शताब्दी तक पीछे चला जाता है। इस समय में, यह जैन धर्म का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा। इस अवधि के दौरान, यहां कई जैन मंदिरों का निर्माण हुआ, जो आज भी अपनी शानदार वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध हैं। इन मंदिरों में से, पार्श्वनाथ मंदिर देश के सबसे महत्वपूर्ण जैन मंदिरों…
छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार जिले में स्थित बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य राज्य का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह अभयारण्य अपनी समृद्ध वन्यजीव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां बाघ, तेंदुआ, हाथी, हिरण, खरगोश, जंगली सूअर, और कई अन्य प्रकार के जानवर पाए जाते हैं। अभयारण्य में पक्षियों की भी विविधता है। यहां विभिन्न प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ दुर्लभ भी हैं। बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य का क्षेत्रफल 245 वर्ग किलोमीटर है। यह अभयारण्य 1976 में स्थापित किया गया था। अभयारण्य में कई जलाशय और झरने भी हैं। इनमें से सबसे प्रसिद्ध जलाशय रानी डैम है। यह…
सरगुजा जिले की गोद में बसा, मैनपाट एक ऐसा हिल स्टेशन है, जो छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से अपनी जगह बना रहा है। समुद्र तल से 1,085 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, इस हिल स्टेशन को ‘छोटा शिमला’ भी कहा जाता है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, अनोखी घटनाओं, धार्मिक महत्व, सांस्कृतिक अनुभव और रोमांचक गतिविधियों के अनूठे मिश्रण के साथ, मैनपाट हर तरह के यात्री को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव: मैनपाट को प्रकृति की अद्भुत रचनाओं का खजाना कहा जा सकता है। घने जंगलों, लुभावने झरनों, मनोरम घाटियों और पहाड़ियों का मनमोहक दृश्य मैनपाट की सुंदरता…
छत्तीसगढ़ राज्य के धमतरी जिले में स्थित बिलाई माता मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और इसे छत्तीसगढ़ का एक शक्तिपीठ माना जाता है। बिलाई माता मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 12वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है और यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर का मुख्य द्वार उत्तर की ओर है और इसमें तीन गर्भगृह हैं। मंदिर के गर्भगृह में देवी दुर्गा की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है। बिलाई माता मंदिर एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है…
छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में स्थित कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान भारत के सबसे खूबसूरत और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह उद्यान 1982 में स्थापित किया गया था और इसका क्षेत्रफल 200 वर्ग किलोमीटर है। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध वन्यजीवों के लिए जाना जाता है। यहां साल, सागौन, टीक और बांस के घने जंगल हैं। इन जंगलों में बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, चीता, जंगली बिल्ली, सियार, नीलगाय, सांभर, बारहसिंगा, हिरण, और कई प्रकार के पक्षी पाए जाते हैं। यहां तीन गुफाएं भी हैं, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और भूगर्भीय महत्व के लिए…
मदकू द्वीप शिवनाथ नदी की धारा के दो भागों मे विभक्त होने से द्वीप के रूप मे प्रकृतिक सौन्दर्य परिपूर्ण अत्यंत प्राचीन रमणीय स्थान है। इस द्वीप पर प्राचीन शिव मंदिर एवं कई स्थापत्य खंड हैं। लगभग 10वीं 11वीं सदी के दो अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर इस द्वीप पर स्थित है। इनमे से एक धूमनाथेश्वर तथा इसके दाहिने ओर उत्तर दिशा में एक प्राचीन जलहरी स्थित है जिससे पानी का निकास होता है। इसी स्थान पर दो प्राचीन शिलालेख मिले हैं। पहला शिलालेख लगभग तीसरी सदी ई॰ का ब्राम्ही शिलालेख है। इसमें अक्षय निधि एवं दूसरा शिलालेख शंखलिपि के अक्षरों…