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Author: हमर गोठ
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों में कोदो की खीर एक अनोखी और पौष्टिक मिठाई है। यह स्वादिष्ट और सेहतमंद होने के साथ-साथ बनाने में भी आसान है। कोदो का चावल प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो इसे एक स्वस्थ्य डाइट विकल्प बनाता है। कोदो की खीर बच्चों और बड़ों सभी को पसंद आती है और इसे त्योहारों और विशेष अवसरों पर भी बनाया जाता है। कोदो की खीर की खासियत: कोदो की खीर बनाने की विधि: सामग्री: बनाने की विधि: टिप्स: तो आज ही छत्तीसगढ़ की इस स्वादिष्ट और पौष्टिक मिठाई को बनाने की कोशिश करें…
छत्तीसगढ़ के वनों में पाए जाने वाला महुआ का पेड़ ना सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर है बल्कि इसका उपयोग कई स्वादिष्ट व्यंजनों को बनाने में भी किया जाता है। उनमें से एक है महुआ लाडू, जो अपनी अनोखी सुगंध और स्वाद के लिए जाना जाता है। यह एक पौष्टिक और ऊर्जा से भरपूर व्यंजन है जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा में एक विशेष स्थान रखता है। महुआ लाडू की खासियत: महुआ लाडू बनाने की विधि: सामग्री: बनाने की विधि: टिप्स: तो आज ही छत्तीसगढ़ के जंगलों के इस मीठे खजाने, महुआ लाडू को बनाने की कोशिश करें और…
छत्तीसगढ़ का लोकप्रिय व्यंजन खुरमी एक मीठा और स्वादिष्ट पकवान है, जो पीढ़ियों से बनाया जा रहा है। इसका अनोखा स्वाद और सेहतमंद गुणों के कारण यह छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय पारंपरिक मिठाइयों में से एक है। खुरमी की खासियत: खुरमी बनाने की विधि: सामग्री: बनाने की विधि: टिप्स: तो आज ही छत्तीसगढ़ के इस पारंपरिक मीठे पकवान खुरमी को बनाने की कोशिश करें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसका स्वादिष्ट और पौष्टिक आनंद लें!
छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और परंपरा में खानपान का भी विशेष स्थान है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों में ठेठरी का एक अलग ही महत्व है। यह एक मीठा और कुरकुरा व्यंजन है, जो खासकर त्योहारों और शुभ अवसरों पर बनाया जाता है। ठेठरी न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। ठेठरी की खासियत: ठेठरी बनाने की विधि: सामग्री: बनाने की विधि: टिप्स: तो आज ही छत्तीसगढ़ के इस खास स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन ठेठरी को बनाने की कोशिश करें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ इसका आनंद उठाएं!
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों में बफौरी का विशेष स्थान है। यह मसालेदार मसूर दाल से बना एक स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन है, जो न सिर्फ घरों में बल्कि ढाबों में भी बेहद लोकप्रिय है। बफौरी को पराठे, रोटी या चावल के साथ परोसा जाता है और इसे नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात के खाने में भी खाया जा सकता है। बफौरी की खासियत: बफौरी बनाने की विधि: सामग्री: बनाने की विधि: टिप्स: बफौरी छत्तीसगढ़ के सबसे लोकप्रिय दाल व्यंजनों में से एक है। यह स्वादिष्ट, पौष्टिक और बनाने में आसान है। तो आज ही बफौरी बनाने की कोशिश करें…
छत्तीसगढ़ अपने अनूठे व्यंजनों और पारंपरिक खाने के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे ही एक स्वादिष्ट और पौष्टिक नाश्ते में से एक है चौसेला। यह एक चावल आधारित व्यंजन है जो पूरे छत्तीसगढ़ में बेहद लोकप्रिय है। चौसेला को बनाने के लिए चावल के आटे को विभिन्न मसालों के साथ मिला कर छोटे-छोटे टुकड़ों में स्टीम में पकाया जाता है। चौसेला न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि सेहत के लिए भी लाभदायक है। आइए जानें चौसेला के स्वाद और गुणों के बारे में: स्वाद: सेहत के लाभ: बनाने में आसान: चौसेला को बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए किसी…
छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और विरासत में खानपान का भी अहम स्थान है। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की अपनी अनूठी स्वाद और सुगंध है। इन व्यंजनों में से एक है इडधर, जो एक प्रकार की स्टीम्ड करी है।छत्तीसगढ़ के व्यंजनों में इड्डर एक ऐसा व्यंजन है जो अपने स्वाद और सेहत के गुणों के लिए जाना जाता है। यह एक परंपरागत व्यंजन है, जो विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में बहुत लोकप्रिय है। आज हम आपको इड्डर बनाने की विधि और उसके फायदों के बारे में बताएंगे। इडधर को बनाने के लिए उड़द की दाल को पीसकर उसका घोल बनाया…
छत्तीसगढ़ का फ़रा/मुठिया एक ऐसा व्यंजन है जो न सिर्फ स्वादिष्ट है बल्कि सेहत से भरपूर भी है। यह चावल के आटे से बना एक स्वादिष्ट व्यंजन है जो पूरे छत्तीसगढ़ में बेहद लोकप्रिय है। फ़रा/मुठिया को बनाने के लिए उबले हुए चावल के आटे को विभिन्न मसालों के साथ मिलाया जाता है और फिर स्टीम में पकाया जाता है। इसे अक्सर चटनी और दही के साथ परोसा जाता है। फ़रा/मुठिया के स्वाद और सेहत के कई फायदे हैं: स्वाद: सेहत: बनाने में आसान: फ़रा/मुठिया को बनाना बहुत ही आसान है। इसे बनाने के लिए किसी खास सामग्री की जरूरत…
छत्तीसगढ़ के इतिहास में सोमवंशी राजवंश का शासनकाल एक स्वर्णिम युग के रूप में जाना जाता है। लगभग 750 ईस्वी से 1200 ईस्वी तक शासन करने वाले सोमवंशी राजाओं ने छत्तीसगढ़ को कला, वास्तुकला, साहित्य और धर्म के क्षेत्र में नए आयामों तक पहुँचाया। इस लेख में, हम सोमवंशी राजवंश के शासनकाल और छत्तीसगढ़ पर उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। सोमवंशी राजवंश का उदय: सोमवंशी राजवंश छत्तीसगढ़ में सबसे शक्तिशाली राजवंशों में से एक था। इस वंश के संस्थापक शिवगुप्त बालार्जुन थे, जिन्होंने रायपुर जिले के तुर्रेकला को अपनी राजधानी बनाया। सोमवंशी राजाओं ने छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्सों पर शासन…
छत्तीसगढ़ के इतिहास में गुप्त साम्राज्य का शासनकाल एक स्वर्ण युग माना जाता है। लगभग 320 ईस्वी से 550 ईस्वी तक शासन करने वाले गुप्त शासकों ने छत्तीसगढ़ में शांति, स्थिरता और समृद्धि का दौर लाया। इस लेख में, हम गुप्त साम्राज्य के छत्तीसगढ़ पर शासनकाल और इसके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। गुप्त साम्राज्य का विस्तार: गुप्त साम्राज्य भारत में एक शक्तिशाली साम्राज्य था, जिसका विस्तार उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में कृष्णा नदी तक था। छत्तीसगढ़ भी इस विशाल साम्राज्य का एक हिस्सा था। रायपुर, धमतरी और राजनांदगांव जैसे क्षेत्र गुप्त साम्राज्य के अंतर्गत आते थे। शासक और…
